भगवान, मैं क्यों परीक्षा में हूँ?
यह एक ऐसा सवाल है जो हम अक्सर भगवान से पूछते हैं। परीक्षा आमतौर पर यह पता लगाने के लिए आयोजित की जाती है कि पढ़ाए गए पाठ याद किए गए हैं या नहीं।
भगवान हर दुख को ऐसे ही देते हैं, हर पाठ की तरह। यह हमें बुराई से अच्छाई की शिक्षा देना है। यदि हम उस परीक्षा को पास कर लेते हैं, तो हम आध्यात्मिक रूप से एक कदम और आगे बढ़ जाएंगे। परमेश्वर हमें जीवन की हर परीक्षा में आध्यात्मिक रूप से बढ़ने की अनुमति देता है। जैसे-जैसे हम प्रत्येक परीक्षा पास करते हैं, ईश्वर में हमारा विश्वास बढ़ता जाता है। परमेश्वर का वचन हमें विश्वास दिलाता है कि धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा को सहन करता है। यदि हम परीक्षाओं को सहते हैं, तो परमेश्वर हमें धन्यों की सूची में डाल देगा।
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